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उद्योग जगत ले रहा आम आदमी से दोगुनी सब्सिडी
Mar 18, 09:00 am
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नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आम जनता को दी जा रही सब्सिडी को एक बड़ा बोझ बताने वाले वित्त मंत्री ने कॉरपोरेट सेक्टर को दी जाने वाली कर सब्सिडी में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे समय जब सरकार का राजस्व संग्रह कम हो रहा है, तब भी कंपनियों को दी जाने वाली कर छूट में 20 फीसद की बढ़ोतरी की गई है। चालू वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान कंपनियों को 5,39,552 करोड़ रुपये की कर रियायतें दी गई, जो आम जनता को दी जाने वाली सब्सिडी से लगभग दोगुनी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक व सामाजिक वजहों से उर्वरक, खाद्य व पेट्रोलियम सब्सिडी में कटौती करना बहुत मुश्किल है। लेकिन कॉरपोरेट सेक्टर को दी जाने वाली सब्सिडी में सरकार कटौती कर सकती है। वित्ता मंत्री ने ऐसा कुछ नहीं किया है, जो उद्योग जगत के लिए राहत ही है।

दूसरी ओर इस वर्ष उर्वरक, खाद्य व पेट्रोलियम सब्सिडी के तौर पर सिर्फ 2,08,503 करोड़ रुपये दिए गए हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्ता मंत्री ने साफ कहा था कि इसे घटाना होगा। यानी आम जनता को इन उत्पादों की ज्यादा कीमत देनी पड़ सकती है। बजट के साथ पेश प्रपत्र इस बात को उजागर करते हैं कि सरकार को कॉरपोरेट सेक्टर से जितना राजस्व नहीं मिल रहा, उससे ज्यादा उसे छूट दी जा रही है। मसलन, सिर्फ सीमा शुल्क के मामले में कंपनियों को 2,76,093 करोड़ रुपये की शुद्ध छूट दी गई है। जबकि इस वर्ष सीमा शुल्क संग्रह केवल 1,46,000 करोड़ रुपये का रहा है। इसी तरह से इस वर्ष उत्पाद शुल्क संग्रह 1,53,000 करोड़ रुपये का रहा है, जबकि कंपनियों को इस मामले में छूट 2,12,167 करोड़ रुपये की दी गई है। पिछले वर्ष के मुकाबले इन दोनों छूट की राशि में 20-20 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई है।

अर्थव्यवस्था की 'गंभीर हालत' के बावजूद वित्ता मंत्री ने कॉरपोरेट कर के मामले में 51,292 करोड़ रुपये की छूट देकर उद्योग जगत को राहत देने का काम किया है। जबकि आम जनता को आयकर के मामले में केवल 42,320 करोड़ रुपये की ही रियायत दी गई है। पिछले बजट में कई रियायतें तात्कालिक तौर पर दी गई थीं, इस बजट में उन्हें आगे लंबी अवधि तक जारी रखा गया है। उदाहरण के तौर पर हीरा व स्वर्ण निर्यातकों को वर्ष 2008-09 के मंदी के समय बढ़ावा देने के लिए दी गई रियायत अभी भी जारी है।

आम जन को सब्सिडी

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फर्टिलाइजर्स , 67199

खाद्य , 72,823

पेट्रोलियम , 68481

आयकर , 42,320

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कुल , 2,50,723 करोड़ रुपये

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उद्योग जगत को छूट

सीमा शुल्क , 2,76,093

उत्पाद शुल्क , 2,12,167

कारपोरेट कर , 0,51,292

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कुल , 5,39,552 करोड़ रुपये